मनेश साहु संपादक.जुन्नारदेव। बचेगा जल, तो सुरक्षित होगा कल—इन्हीं संदेशों के साथ मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राओं ने जल संरक्षण की शपथ ली। सभी ने अपने घरों से पानी बचाने की शुरुआत करने और आसपास के लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया।
गीता जयंती के अवसर पर शासकीय महाविद्यालय के पास स्थित तालाब परिसर में छात्र-छात्राओं द्वारा श्रीमद् भगवद्गीता के श्लोकों का वाचन किया गया। इसी दौरान बच्चों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।
कार्यक्रम में विकासखंड सामान्य संजय बामने ने कहा कि दैनिक जीवन में अनजाने में बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ बह जाता है। घरों में साफ-सफाई, टंकियों की टोंटियां खुली छोड़ देना, और टंकियों के ओवरफ्लो जैसी आदतें जल की बर्बादी बढ़ाती हैं। कृषि कार्यों में भी तकनीक के अभाव और गलत फसलों के चुनाव से पानी का अत्यधिक उपयोग हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले गांवों-शहरों में तालाब और पोखर बरसात का पानी सहेजने का महत्वपूर्ण माध्यम थे, जिनके खत्म होने से भूगर्भ जलस्तर लगातार गिर रहा है। ऐसे में पानी का दुरुपयोग रोकना अत्यंत आवश्यक है। स्नान में शॉवर की जगह बाल्टी का प्रयोग, टंकियों-टोंटियों की नियमित जांच और जरूरत के अनुसार ही पानी का उपयोग जैसी आदतों को अपनाकर जल संरक्षण किया जा सकता है।
बामने ने बच्चों को जल बचाने और अपनी आदतों में सकारात्मक बदलाव लाने की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में परामर्शदाता सरजू विश्वकर्मा, गोविंद नंदवंशी, दीपा मेश्राम सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

