सेफ कार्यक्रम और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत शासकीय
छिंदवाड़ा- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज शहर के शासकीय पी.जी.कालेज छिंन्दवाडा में जेंडर समानता और इसमें छात्र-छात्राओं की भूमिका विषय पर संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ । संवाद कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। संवाद कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना तिवारी रिछारिया ने कहा कि बेटियों को बेटों से कम आंकने का कोई बैज्ञानिक आधार नहीं है, बल्कि सामाजिक नियम अथवा पुरुषवादी नजरिया है जिसमें महिलाओं, बालिकाओं अथवा किशोरियों की क्षमताओं को पुरुषों की तुलना में कम आँका जाता है। सामाजिक नियम और पुरुषवादी नजरिया जेंडर असमानता की मुख्य वजह है। जेंडर असमानता को कम करने अथवा खत्म करने और महिलाओं को अवसर प्रदान के करने लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं जिसमे सेफ कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रमुख है। उन्होंने कहा कि जेंडर असमानता को खत्म करने में युवा छात्र-छात्राये महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पी.जी.कालेज की प्राध्यापक डॉ.प्रतिभा श्रीवास्तव ने बताया कि जेंडर असमानता को खत्म करने में युवा छात्र-छात्राओं की भूमिका को देखते हुए भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की गाईड लाईन के अनुसार कालेज में जेंडर फोरम का गठन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत 25-30 छात्र-छात्राओं का समूह उनके अकादमिक प्रोजेक्ट के अंतर्गत कालेज और समाज में जेंडर गैप्स को पहचानकर कार्य योजना बनाकर वर्ष भर बिभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे जिसमे संवाद, वाद-विवाद प्रतियोगिता, ब्लॉग, सोशल मीडिया पर लेखन , जागरूकता गतिविधयां आदि शामिल रहेंगी। कार्यक्रम के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की डेवेलपमेंट पार्टनर एजेंसी ममता एच.एम.आई.सी.नई दिल्ली के नीलेश दुबे, पी.जी.कालेज की फेकल्टी मेंबर डॉ.कविता शर्मा एवं नेहा जैन उपस्थित थीं।



