■ सच की आंखें न्यूज़ जुन्नारदेव |
कच्चीढाना की महिलाओं को आमनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया। दो दिन का यह प्रशिक्षण था। प्रशिक्षण के प्रथम दिन यूटीएमटी सोसायटी की टीम ने मधुमक्खी पालन पर रोचक तरीके से प्रशिक्षण का आयोजन प्रॉजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी गई।
परंपरागत एवं आधुनिक मधुमक्खी पालन, विविध प्रकार की मधुमक्खियों की पहचान, मधुमक्खी पालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ, मधुमक्खी का परिवार, बी बॉक्स की देख-रेख साधन सामग्री, प्राकृतिक कालोनी को खोजना और पेटी भरना,
विभाजन और मधुमक्खी का संरक्षण और संवर्धन आदि के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रायोगिक रुप से प्राकृतिक मधुमक्खी कॉलोनी को पेटी में भर कर दिखाया गया। महिलाओं को समझाया गया कि किस तरह से बक्से का प्रबंधन करना है। प्रशिक्षण के अंत में ग्राम कच्चीखानी संगठन
की प्रमुख रीता वाडीवा ने प्रशिक्षण योगदान दे रहे हैं। प्राप्त करने के पश्चात कहा कि मधुमक्खी पालन से कम समय और कम खर्चे में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मधुमक्खी पालन से हमारी फसलों में परागीकरण होता है जिससे उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही साथ शहद, मोम, पराग, आदि बहुमूल्य और औषधी भी हमें
लगातार प्राप्त होगी। हम मधुमक्खी पालन को पूरी निष्ठा के साथ करेंगे जिससे हमारी आय भी बढ़ेगी। यूटीएमटी सोसायटी कार्यालय जुन्नारदेव के कार्यक्रम सहयोगी ओमप्रकाश पाठे बताया कि मधुमक्खी पालन से किसान भाई अपनी आय को बढ़ाने के साथ साथ मधुमक्खी के संरक्षण एवं संवर्धन में भी अपना बहुमूल्य
प्रशिक्षण को आयोजित करने में टीम लीडर आनंद पटेल, प्रोग्राम मैनेजर धनश्री चौहान, फील्ड सुपरवाइजर रेशम लाल डहेरिया, तकनीकी टीम से महादेव डेहरिया, कैलाश बर्फ, महेश यदुवंशी, संजू यदुवंशी, करणराज भोपा और इतमन की अहम भूमिका रही।


