सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया जो कि जिले में निरंतर 11 वर्षो से मानव सेवा, गौ सेवा, बेटी बचाओ एवं पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को कर रहे हैं। चौरसिया ने बताया हमारे भारत देश का भविष्य कहलाने वाली युवा पीढ़ी विद्यार्थी गण जोकि किसी ना किसी नशे के आदि होकर नशे के चंगुल में फंसकर बर्बाद हो रहे है। इससे हमारा देश का भविष्य खतरे में जा रहा है। यह युवा पीढ़ी शराब, ड्रग्स, हिरोइन,अफीम, डोडा, चरस, स्मेक, गांजा, ब्राउन सुगर, बीडी, सिगरेट,तम्बाकू,पाउच, गुटखा, बोनफिक्स,कोकीन , सनन, भांग और भी ना जाने कितने प्रकार से कई व्यसनों का प्रयोग रही हैं। जिसको करने के उपरांत यह युवा पीढ़ी केवल यमलोक को प्यारी हो रही है। इनके परिवार मानसिक ,आर्थिक, शारीरिक रूप से केवल बर्बाद हो रहे हैं। नशा करने वाला व्यक्ति शारीरिक रूप से दुर्बल कमजोर और अन्य नाना प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहा हैं। ऐसी जटिल समस्या से युवा पीढ़ी, विद्यार्थियों को बाहर निकालने एवं उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव के विषय में मार्गदर्शन देकर समझाना हमारी प्राथमिकता है। इसी के अंतर्गत 26 सितम्बर 2022 को जिला छिंदवाड़ा परासिया के शासकीय लक्ष्मी नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय ख़िरसाडोह, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खिरसाडोह एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सिरसाडोह में सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने समाज से विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध जन बुद्धिजीवीयों अधिवक्ता/जैन समाज अध्यक्ष भरत जेन,मध्यप्रदेश स्काउट गाइड उपाध्यक्ष तुकाराम दुर्गे, सोनी समाज प्रवक्ता सेवानिवर्त शिक्षक मन्यु सोनी,प्रशांत शेल्के अधिवक्ता पत्रकार, शरीफ जागीरदार अधिवक्ता,वरिष्ठ व्यापारी जगदीश सेतिया, गोविंद डेहरिया, अनुराग उपाध्याय, रूपेंद्र डेहरिया,युवराज चौरसिया सहित सभी को ले पहुंचकर विद्यार्थियों को नशे से होने वाले दुष्परिणाम शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति पर समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने अपना उद्बोधन दिया। उद्बोधन में विद्यार्थियों को बताया 84 लाख योनि के उपरांत हमें मनुष्य तन की प्राप्ति होती है। हर एक व्यक्ति की पूर्ण औसत आयु होती है। पूर्व समय में डेढ़ सो से दो सो वर्ष के ऊपर आयु के व्यक्ति हुआ करते थे। किंतु अब अल्पआयु में ही स्वर्ग सिधार रहे है। जिसमे विशेषकर नशे का सेवन करने से होने वाले दुष्परिणाम बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो रहे है। नशे के कारण हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो जाता है। आजकल युवाओं के साथ-साथ नाबालिक बच्चे भी अत्यधिक मात्रा में नशे का सेवन करने लगे हैं। जिससे भविष्य में आने वाला उनका जीवन बहुत ही हानिकारक और घातक हो सकता है। सरकार द्वारा नशे के हर एक वस्तु पर चेतावनी दी जाती है परंतु लोगों को इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता और वे चेतावनी को नज़र अंदाज़ कर नशा करते ही रहते हैं। जो भी व्यक्ति गुटखा पाउच खा रहा है उसको बोल करके देखें कि उसके हाथ की चार उंगली एक साथ अपने मुंह खोलकर डालो तो शायद मुश्किल से दो उंगली भी उसके मुंह में जा पाएगी। क्योंकि गुटका पाउच उसके मुंह को जकड़ लेता है। तम्बाकू गुटका पाउच का सेवन मुँह के द्वारा किया जाता है। इसलिये ये पहले मुँह को ही प्रभावित करता है। दांत गिर जाना जैसी गम्भीर बीमारियाँ पहले उत्पन्न होती है। तम्बाकू में पाये जाने वाला निकोटिन ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाता है। जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, जैसी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। सोचिये आगामी भविष्य में वह व्यक्ति कैसे खाना खा पाएगा। निश्चित तौर पर भविष्य में उसके मुंह में लाइलाज कैंसर होगा जिससे उसकी मृत्यु हो जाएगी। नशा करने वाला व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो देता है। जिसके कारण वह अपने आप को संतुलित नहीं कर पाता और नशे के हाल में घर परिवार में झगड़ा करने लगता है। गंदी गंदी गाली गलौज करने लगता हैं। नशे के पूर्ति हेतु चोरी चक्कारी करने लगता है और यह सभी अपराध जुर्म की श्रेणी में आते है। आगे चलकर वह व्यक्ति जेल की हवा खाता है। नशा करके लोग वाहन चलाते हैं, जिससे लोग दुर्घटना के शिकार भी हो जाते है, इससे लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। नशे की शुरुआत गलत संगत में फसकर व मानसिक चिंता को दूर करने के लिए, या वर्तमान में नए नए युवा केवल दिखावे के लिए ,कूल डुड बनने के चलते किया जाता है, किंतु यह धीरे-धीरे लत बन जाता है। और आगे चलकर इसे छोड़ना लोगों के लिए बहुत ही मुश्किल व नामुमकिन हो जाता है। मैंने अपने जीवनकाल में कई शराबीयों को शराब की शुरुआत से अंत तक का सफर को देखा है। शुरुआती दौर पर वह बियर पीकर नशा करते हैं,,कुछ दिनों बाद महंगी से महंगी ऊंची से ऊंची किस्म की शराब को पीना चालू करते हैं ओर जब पूरा नशा ना होने की दशा व पैसों के अभाव में अंतिम समय पर देशी भट्टी में लोटपोट होते हुए यमलोक को प्यारे होते हुए देखा हैं। नशा का सेवन करने से हम सभी को अनेक प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जैसे- तंबाकू, शराब, सिगरेट आदि का सेवन करने से हमारे फेफड़ों को बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और ऐसा ही सिलसिला चलने पर हमारे फेफड़े पूरी तरह से काम करना बंद कर देते है, तथा तंबाकू आदि का सेवन करने से हमें कैंसर जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ता है। और कैंसर से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है। तथा सिगरेट तंबाकू आदि के धुए से मुंह का कैंसर, फेफड़े का खराब होना आदि अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है। नशेड़ियों के परिवार के सदस्यों को शर्मसार , जिल्लत भरी जिंदगी जीना होता है। अतएव नशे का सेवन बेहद ही हानिकारक है। इसी प्रकार समाज के पहुंचे हुए समस्त प्रबुद्ध जनों बुद्धिजीवियों के उद्बोधन संपन्न हुए उद्बोधनो को सुन दोनों ही महाविद्यालयों एवं ख़िरसाडोह स्कूल से हजारों की संख्या में विद्यार्थियों ने अपने माता पिता की शपथ लेते हुए प्रण किया कि आगामी भविष्य में हम कभी भी किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे।*
*नशा मुक्त कार्यक्रम हेतु पेंचव्हली महाविद्यालय ख़िरसाडोह से प्राचार्य डॉ पी.आर. चंदेलकर,प्रोफेसर गगन बरखानिया, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय ख़िरसाडोह से प्राचार्य डॉ आर.के. शाह, प्रोफेसर दीपक भावसार एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ख़िरसाडोह से प्राचार्य श्रीमती कुसुम जैन, शाहिद अंसारी शिक्षक का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ।
समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने बताया नशा मुक्त जिला छिंदवाड़ा अभियान की शुरुआत हमारे द्वारा आज नवरात्रि एकम के दिवस से परासिया से की गई है। जो कि हमारी मुहिम के अंतर्गत संपूर्ण जिला छिंदवाड़ा के हर एक स्कूल कॉलेजों मैं हम पहुंच कर विद्यार्थियों को नशे से होने वाले दुष्परिणाम के विषय में अवगत कराते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई भी नशा ना करने की शपथ करवाएंगे।



