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बाल संरक्षण आयोग मध्यप्रदेश के सदस्य श्री अनुराग पाण्डेय द्वारा आज छिन्दवाड़ा नगर में जनमंगल संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह, आंगनवाड़ी केन्द्र खजरी-6, आंगनवाड़ी केन्द्र छिन्दवाड़ा और नव जागृति महिला मंडल द्वारा संचालित शिशु गृह का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान उन्होंने बाल गृह और आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी ली, बच्चों से संवाद किया और अन्य कार्यक्रमों में सहभागिता की ।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती कल्पना तिवारी रिछारिया ने बताया कि बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री पाण्डेय द्वारा सर्वप्रथम जनमंगल संस्थान के बाल गृह का निरीक्षण कर बच्चों से परिचय प्राप्त किया। उन्होंने सभी कमरों की सफाई की व्यवस्था, किचिन, प्रसाधन कक्ष, स्नानागार, भंडार आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी बच्चों से उनकी रूचि के अनुसार भविष्य में प्राप्त पदों के लिए तैयारी करने, विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, क्रिकेटर, फौजी आदि क्षेत्रों में जाकर समाज और देश की सेवा करने की बात की । उन्होंने बाल गृह के 16 बच्चों के साथ सामान्य दिनचर्या और दोस्त बनाने की चर्चा करते हुये कहा कि बच्चों को स्कूल में भी विभागीय कार्यप्रणाली एवं दायित्वों का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई समस्या आने पर 1098 पर कॉल करना चाहिए और चेहरे पर मुस्कान बनी रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव का जन्म उत्सव प्रकाश उत्सव के रूप में मनाया जाता है । प्रकाश का अर्थ परिवार व समाज में प्रकाश फैलाना है। बच्चों के साथ आपसी सामंजस्य के साथ एक्टिविटी करना चाहिए। साथी को खुश करके रखना व नशे से बचना चाहिये । बच्चे पहले स्वयं खुश रहेंगे तो सभी को खुश रखेंगे । बच्चों द्वारा किसी की मुस्कुराहटा पर हो निसार, हम सब भारतीय है, अठन्नी चवन्नी डाटा गया आदि गीत सुनाये गये ।
बालगृह के बाद बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री पांडेय द्वारा शहर के आंगनवाड़ी केंद्र खजरी-6 का निरीक्षण किया गया जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं कार्यकर्ता और अन्य पर्यवेक्षक के साथ ही महिलाएं और बच्चे उपस्थित थे । उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान कहा कि पौष्टिक भोजन पीएचआर के पैकेट की गुणवत्ता एवं खिचड़ी और सत्तू की गुणवता अच्छी होना चाहिए । उसे कैसे बनाया जाता है, के निर्माण की प्रक्रिया की जानकारी लेते हुये कहा कि खिचड़ी में मौसमी सब्जियों का उपयोग कर खानपान के स्वाद के उसे अनुसार बना सकते हैं । बच्चों के वजन, ग्रेड और स्वास्थ्य जाँच की जाना चाहिए । उन्होंने वजन की लटकाने वाली मशीन और इलेक्ट्रॉनिक मशीनों में अंतर आने की जानकारी मिलने पर उसे ठीक करने के निर्देश दिये । डॉ.श्रीमती शिकारा चंदा के द्वारा इस आंगनवाड़ी केंद्र को गोद लेकर इसमें दो पंखे व बिजली फिटिंग कराई गई । उन्होंने आगनवाड़ी केंद्र छिन्दवाड़ा का भी निरीक्षण किया और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, अन्य महिलाओं व बच्चों से चर्चा की एवं समक्ष में 5 बच्चों का अन्नप्राशन किया । केंद्र में पोषण मटका कार्यक्रम का आयोजन किया गया । निरीक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि केन्द्र में टी.एच.आर पौष्टिक व्यंजन और खिचड़ी, सत्तू, बाटी आदि बनाने के लिये मापदंड के अनुसार गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है । बच्चों की वजन ग्रेडिंग व स्वास्थ्य जांच नियमित की जा रही है । आंगनवाडी केंद्र को गोद लिया गया है और केंद्र को सीलिंग फैन प्रदान किये गये हैं। उन्होंने दो बच्चों का वजन कराया और भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये ।
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री पांडेय ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी और सहायक संचालक एवं बाल श्रम बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ नव जागृति महिला मंडल के शिशु गृह का निरीक्षण भी किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिये । निरीक्षण के दौरान शिशु गृह में 17 बच्चे उपस्थित मिले। उन्होंने सभी बच्चों को किस तरह से दूध पिलाया जाए, बच्चों की देखरेख कैसे की जाए, आदि के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान किया और बच्चों के लिए केयरिंग प्लान आईसीपी कैसे तैयार किया जाये, इसके बारे में भी चर्चा की । उन्होंने अधिक से अधिक बच्चे लीगल फ्री हों, इस संबंध में बाल कल्याण समिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा एडॉप्शन या अपने परिवार में जा सकें। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को परिवार में पहुंचाना होना चाहिए ।


