वि.स. चुनाव में मतदान बहिष्कार पर नेताओं द्वारा दिये गये थे लालीपाप
बारिश में कीचड़ में सनी सड़क पर चलने को विवश ग्रामीण
सच की आंखें जुन्नारदेव -- जहां शासन प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावें कर ग्राम पंचायतों में सुविधाओं के दम भरते है वहीं इनकी पोल उस समय खुलती है जब ग्रामीण अंचल के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं तक को तरस जाते है। इसी प्रकार का एक मामला जुन्नारदेव विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत खैरवानी में उजागर हुआ है जहां पर बीते 29 वर्षो से भी अधिक समय बीत जाने के बाद ग्रामीणों की मूलभूत सड़क एवं पानी निकासी के लिए नाली का समाधान आज तक नहीं हो पाया है। बीते कई वर्षो से ग्राम के ग्रामीण शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधि और पंचायत के समक्ष इस समस्या को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे है किन्तु ग्रामीणां की आवाज को पैरों तले रोंदकर इनका माखौल उड़ाया जा रहा है।
यहां मिली जानकारी अनुसार ग्राम खैरवानी में चमत्कारी हनुमान मंदिर तिराहा से गंगामाई नदी तक ग्रामीणों के लिए सड़क का निर्माण 29 वर्षो में अब तक नहीं हो पाया है। ग्रामीणों द्वारा सड़क और पानी निकासी के लिए नाली की समस्या को लेकर लगातार शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधि सहित पंचायत से मांग की गई है किन्तु इनकी मांगो को अनसुना किया जा रहा है। वर्तमान में बारिश का दौर जारी है ऐसे में सड़क से निकलने पर ग्रामीणों को खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ग्रामीण कीचड़ से सने रास्ते पर चलने और बारिश में जमा पानी के कारण मच्छर और मक्खियों का प्रकोप भी झेल रहे है। वहीं छोटे बच्चे तो अपने घरों के बाहर तक कदम नहीं निकाल पा रहे है। पीने के पानी के हैण्ड पंप तक पहुंचने में भी ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दूध लेकर सायकल सहित गिर पड़ते है ग्रामीण---- कीचड़ और पानी रोड़ में भरा होने के कारण इससे लगातार दुर्घटनाएं घटित हो रही है। कीचड़ से फिसलकर लगातार ग्रामीण चोटिल हो रहे है। कई बार दूध लेकर नगर की ओर जाने वाले ग्रामीण सायकल सहित कीचड़ में गिरकर चोटिल हो जाते है तो कहीं उनका पूरा दूध कीचड़ में मिल जाता है और उनकी मेहनत बरबाद हो जाती है। बीते 29 वर्षो में न तो पंचायत द्वारा ग्रामीणों की समस्या को हल किया गया और न ही शासन प्रशासन स्तर पर समस्या हल हो पाई है ऐसे में अब ग्रामीण आगामी समय में शासन, प्रषासन सहित पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना रहे है।
सड़क निर्माण न होने पर आगामी चुनाव का हो सकता है बहिष्कार----- सड़क निर्माण की अति आवष्यकता को देखकर अब यह स्पष्ट कहां जा सकता है कि यदि सड़क संबंधी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अब ग्रामीण चुनाव जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय पर बहिष्कार का मन बना रहे है। गौरतलब हो कि बीते वि.स. चुनाव में भी ग्रामीणों द्वारा सड़क नहीं तो वोट नहीं के नारे दिये गये थे किन्तु शासन प्रशासन और राजनेताओं की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने वोट डाला था किन्तु इस बार चुनाव का बहिष्कार करने का मन ग्रामीण बना रहे है। अब देखना है कि क्या शासन प्रशासन और पंचायत ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान करती है या फिर ग्रामीण इसी प्रकार जर्जर और कीचड़ भरी रोड पर चलने को विवष होते है।

