कर्मचारियों के जल्द हो सकते हैं तबादले
छिंदवाड़ा – कन्हान क्षेत्र की कुकिंग कोल वाली एकमात्र भूमिगत खदान तानसी परियोजना के बंद होने का खतरा पैदा हो गया है, दरअसल खदान में जहां तक कोयला निकालने की वन एवं पर्यावरण विभाग की अनुमति थी वहां तक कोयला निकाला गया । लेकिन अब आगे के भाग में काम शुरू करने के लिए विभाग से अनुमति नहीं मिल रही है । सूत्रों ने बताया कि विभाग ने इसलिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है कि तानसी खदान के आगे का भाग टाइगर कॉरिडोर में है जिसमें वन एवं पर्यावरण विभाग के नियमों के अनुसार 6 किलोमीटर तक खनन का काम नहीं किया जा सकता । वर्तमान में तानसी खदान में 700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है । इसके अलावा करीब 150 ठेका मजदूर भी काम करते हैं । खदान को दस्तावेजो में बंद कर दिया गया है लेकिन फिर भी खदान में एक फेज में काम चल रहा है और प्रतिदिन सौ टन तक कोयला निकाला जा रहा है लंबे समय से खदान भारी घाटे में चल रही है तानसी खदान वर्ष 1983 में खोली गई थी ।
कर्मचारियों का होगा तबादला
तानसी खदान में संकट की स्थिति को देखते हुए नागपुर मुख्यालय से कर्मचारियों का दूसरी खदान में तबादले की योजना बनाई गई है गत माह मुख्यालय से महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) का पत्र आया है जिसमें उन्होंने पेंच क्षेत्र की नई भूमिगत खदान धनकशा और पाथाखेड़ा की खदानों में कर्मचारियों की आवश्यकता के बारे में लिखा है माना जा रहा है कि तानसी से आने वाले महीने में कर्मचारियों के तबादले किए जा सकते हैं और फिर प्रबंधन की तानसी परियोजना को पाथाखेड़ा क्षेत्र में शामिल करने की पूर्व की योजना है । तानसी के पाथाखेड़ा नजदीक पड़ता है इसलिए माना जा रहा है कि अधिकांश कर्मचारियों का तबादला पाथाखेड़ा क्षेत्र में ही किया जाएगा ।
जे.सी.सी. की हुई बैठक
तानसी खदान पर उत्पन्न हुए संकट को लेकर कान्हान क्षेत्र के महाप्रबंधक बी. रामाराव ने मंगलवार को संयुक्त समंवय समिति (जे.सी.सी) की बैठक बुलाई । जिसमें महाप्रबंधक ने बताया कि तानसी और भारत ओपन कास्ट खदान में काम शुरू करने को लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग से अनुमति प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है लेकिन विभाग से अनुमति नहीं मिल पा रही है जिसके कारण तानसी खदान में कोयले का उत्पादन बंद कर दिया गया है ।
चुनाव के समय खदानों पर छाया संकट
पेंच एवं कन्हान क्षेत्र में दो विधानसभा क्षेत्र परासिया और जमाई हैं और चुनाव में अक्सर कोयला खदानें मुद्दा रहती है आगामी नवम्बर माह में विधानसभा एवं अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव है ऐसे में ठीक चुनाव के समय परासिया विधानसभा की महादेव पूरी भूमिगत और जामई विधानसभा की तानसी परियोजना कोयला खदान वन एवं पर्यावरण की लीज खत्म होने पर दस्तावेजों में दोनों खदानों को बंद कर दिया गया है और महादेव पूरी खदान को अभी आगे के काम विभाग से अनुमति नहीं मिली है हालांकि महादेव पूरी खदान से कोयला लगातार निकाला जा रहा है इस खदान में 380 कर्मचारी कार्यरत हैं और प्रतिदिन 300 टन कोयला निकल रहा है यह खदान भी भारी घाटे में है और प्रबंधन खदान को बंद करने का लंबे समय से प्रयास कर रहा है लेकिन चुनाव के कारण खदान चालू रखी गई है ।


