छिंदवाड़ा जिले के पत्रकारों में बढ़ती घटनाओं को लेकर गहरी चिंता, कलेक्टर कार्यालय में सौंपा ज्ञापन।
जबलपुर, सिवनी और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले और उनकी हत्याओं की घटनाओं ने न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला किया है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी हिलाकर रख दिया है। हाल ही में छिंदवाड़ा के एक पत्रकार की हत्या और उसे पहले मिली धमकियों ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।
पत्रकार संगठनों ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कानून बनाए जाएं, ताकि वे बिना किसी डर के अपने कार्य कर सकें। उन्होंने पत्रकारों पर हो रहे हमलों की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की, साथ ही दोषियों को कड़ी सजा देने की भी अपील की है। इसके अलावा, मीडिया कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष हेल्पलाइन जारी करने की भी मांग की गई है, जिससे आपातकालीन स्थिति में पत्रकार त्वरित सहायता प्राप्त कर सकें।
जबलपुर में छिंदवाड़ा के एक पत्रकार पर हुई फायरिंग और कलेक्टर परिसर में मिले एक अन्य पत्रकार के शव की घटना ने प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकार संगठनों ने इन घटनाओं की त्वरित जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।