देश को अब तक 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया है। इस सम्मान समारोह का उद्देश्य भूतपूर्व सैनिकों के योगदान, समर्पण और योग्य नेतृत्व को मान्यता देना था।
सुदर्शन चक्र कोर कमांडर का संदेश: "भूतपूर्व सैनिकों का अनुभव अनमोल"
सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रीतपाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह युद्ध में जीत हासिल नहीं कर सकती। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के अनुभव और ज्ञान को वर्तमान सेवा में लगे जवानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सकारात्मक पहल और कल्याणकारी निर्णयों के लिए धन्यवाद भी दिया।
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों और शहीदों के परिवारों का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की पत्नियों और भोपाल के अमर शहीदों के परिजनों का सम्मान किया। इनमें स्व. मुशीर अहमद, स्व. मो. सईद खान और स्व. मो. सरीफ के परिवार शामिल थे। इसके साथ ही कैप्टन देवाशीष शर्मा, मेजर अजय कुमार, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, सीएफएन रामस्वरूप, सिगनलमेन रमेश कुमार और नायक दिनेश चंद्र के परिजनों को भी सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शहीदों के बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।
भारतीय नौसेना अध्यक्ष द्वारा शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट
कार्यक्रम के दौरान भारतीय नौसेना के अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट किया। साथ ही 102 रेजिमेंट इंजीनियर्स के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया, जिसने सभी को प्रभावित किया। समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने जवानों के साथ मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया और समूह फोटो खिंचवाई।