दुष्कर्म के आरोपी को मात्र 61 दिनों में आजीवन कारावास की सजा
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 14 दिनों में अभियोग पत्र प्रस्तुत, त्वरित न्याय की मिसाल
छिंदवाड़ा जिले के थाना नवेगांव अंतर्गत एक नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस की तत्परता और न्यायिक प्रक्रिया की तेजी से मात्र 61 दिनों में आरोपी को कठोर दंड मिला।
घटना का विवरण:
02 दिसंबर 2024 को पीड़िता ने अपने परिजनों के साथ थाना नवेगांव में रिपोर्ट दर्ज कराई कि स्कूल से घर लौटते समय आरोपी ने उसे रोककर सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किया और धमकी देकर फरार हो गया। घर पहुंचकर पीड़िता ने परिजनों को आपबीती सुनाई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
अपराध विवरण:
अपराध क्रमांक: 203/24
धारा: 137(2), 64(1), 64(2)(F) भा.दं.सं. एवं 3/4, 5(n)/6 पॉक्सो एक्ट
पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तत्काल जांच प्रारंभ – तत्कालीन थाना प्रभारी उपनिरीक्षक राजेश साहू के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई की गई।
घटना के कुछ घंटों में ही आरोपी दिनेश यदुवंशी (उम्र 28 वर्ष, निवासी ग्राम चिखलार, नवेगांव) गिरफ्तार।
घटनास्थल से साक्ष्य संकलन, पीड़िता के बयान, डीएनए रिपोर्ट और अन्य प्रमाणों का संग्रहण।
महज 14 दिनों में विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र (चालान क्रमांक 193/24) 18 दिसंबर 2024 को न्यायालय में प्रस्तुत।
न्यायालय का निर्णय:
माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, जुन्नारदेव, छिंदवाड़ा की अदालत ने मात्र 61 दिनों में निर्णय सुनाते हुए आरोपी को कठोर सजा सुनाई—
पॉक्सो एक्ट की धारा 5(n)/6 – आजीवन कारावास (प्राकृतिक जीवनकाल तक)
भारतीय दंड संहिता की धारा 137(2) – 5 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹5000 अर्थदंड
पीड़िता के लिए प्रतिकर राशि – ₹2 लाख
पुलिस टीम का सराहनीय योगदान:
तत्कालीन थाना प्रभारी उपनिरीक्षक राजेश साहू द्वारा बारीकी से की गई विवेचना।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती गंगावति डहेरिया द्वारा प्रभावी पैरवी।
पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा संपूर्ण टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा।
➡️ यह निर्णय पुलिस और न्यायिक तंत्र की तत्परता और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

