छिंदवाड़ा जिले की जनपद पंचायत परासिया क्षेत्र में खुलेआम कोयले की लूट, प्रशासन बना मूकदर्शक
छिंदवाड़ा / परासिया
छिंदवाड़ा जिले के परासिया जनपद अंतर्गत रावनवाडा बस्ती के पीछे स्थित बंद पड़ी ओपन कास्ट खदान इन दिनों अवैध कोयला खनन का अड्डा बन चुकी है। सैकड़ों मजदूरों से बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के कोयला निकलवाया जा रहा है, जिससे उनकी जान हर पल खतरे में बनी हुई है। यह कार्य न केवल पूरी तरह से गैरकानूनी है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के भी खिलाफ है।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो इस अवैध कारोबार के पीछे कुछ सफेदपोश नेताओं और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत है। नकाबपोश माफियाओं के इशारे पर यह सारा खेल चल रहा है, और प्रशासनिक तंत्र ने जैसे चुप्पी साध ली है।
यह पूरा अवैध धंधा दिनदहाड़े चल रहा है। कोयला निकाला जा रहा है, ट्रकों में भरकर बेचा जा रहा है और इन सबसे आम ग्रामीण व पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। परासिया क्षेत्र को कोयला नगरी कहा जाता है, लेकिन अब यही पहचान अवैधता के दलदल में धंसती जा रही है।
"केवल दिखावे की कार्रवाई" — ग्रामीणों का आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पहले भी एक-दो बार कार्रवाई का ड्रामा किया गया, लेकिन वो केवल कागजों की खानापूर्ति तक सीमित रही। असली दोषियों को न तो पकड़ा गया और न ही अवैध खनन पर रोक लगी।
"अधिकारियों की चुप्पी समझ से परे"
गांववासियों का कहना है कि जब भी वे इस मुद्दे को उठाते हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है या शिकायतों को अनसुना कर दिया जाता है। अब यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक शासन-प्रशासन इस गोरखधंधे की अनदेखी करता रहेगा? क्या उच्च अधिकारियों की चुप्पी उनकी मिलीभगत को उजागर नहीं करती ?
पर्यावरण और मानव जीवन पर संकट
इस तरह के अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। जमीन की सतह खोखली हो रही है, जिससे भू-स्खलन और दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही, मजदूरों की जिंदगी को जानबूझकर खतरे में डाला जा रहा है।जनता की मांग: उच्चस्तरीय जांच और स्थायी कार्रवाई
जनता अब प्रशासन से केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की मांग कर रही है। उच्चस्तरीय जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।
क्या प्रशासन जागेगा या रावनवाडा की धरती इसी तरह लूटी जाती रहेगी?