तामिया (प्रतिनिधि) — तामिया विकासखंड के लोटिया ग्राम सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे अवैध क्लीनिकों का जाल फैलता जा रहा है। ये कथित डॉक्टर बिना किसी मेडिकल योग्यता के गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं, जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग को इन क्लीनिकों की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।
वीडियो में खुली पोल
लोटिया ग्राम स्थित एक क्लीनिक में जब हमारी टीम पहुंची, तो वहां एक युवक मासूम बच्चे का इलाज करता मिला। जब उससे इलाज करने का आधार पूछा गया, तो उसने साफ शब्दों में कहा, "मैं डॉक्टर नहीं हूं।" यह बयान वीडियो में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है। इससे साफ जाहिर होता है कि कैसे बिना योग्यता के लोग ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
नशीली दवाओं की बिक्री का अड्डा बने क्लीनिक
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन अवैध क्लीनिकों में नशीली दवाओं की खुलेआम बिक्री हो रही है, जिससे क्षेत्र के युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। यह समस्या केवल लोटिया तक सीमित नहीं है, बल्कि तामिया मुख्यालय और अन्य गांवों में भी झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं।
स्वास्थ्य विभाग की खानापूर्ति
स्वास्थ्य विभाग की टीम समय-समय पर कार्रवाई का दावा तो करती है, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। विभाग के अधिकारियों के सुस्त रवैए और खानापूर्ति के चलते झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कार्रवाई केवल कागज़ों में होती है, जबकि अवैध क्लीनिक खुलेआम संचालित हो रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग — सख्त कार्रवाई हो
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और अवैध क्लीनिकों को तत्काल बंद कराया जाए, ताकि लोगों की जान से खिलवाड़ और युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से रोका जा सके।
---
बाइट — झोलाछाप डॉक्टर: "मैं डॉक्टर नहीं हूं, बस इलाज कर रहा था।"
बाइट — ग्रामीण: "सरकारी डॉक्टर नहीं आते, इसलिए मजबूरी में इन्हीं के पास जाना पड़ता है। पर दवाएं गलत असर कर रही हैं, कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है।"