तीन साल पहले निकाली गई राशि, लेकिन आज भी अधूरा भवन निर्माण
जमकुंडा के ग्रामीणों ने की दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
परासिया ।जिला छिंदवाड़ा के विकासखंड जुन्नारदेव अंतर्गत ग्राम पंचायत जमकुंडा में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला बदहाली की मिसाल बन गई है। लगभग 40 वर्ष पूर्व स्थापित यह विद्यालय अब जर्जर भवन में तब्दील हो चुका है, जिसकी छत से बारिश के दौरान पानी टपकता है और कवेलू गिरते हैं। शिक्षकों ने छत पर तिरपाल डालकर बच्चों की जान बचाने की असफल कोशिश की है, लेकिन बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
शाला में कक्षा पहली से पांचवीं तक के लगभग 50 बच्चे अध्ययनरत हैं। भवन की दीवारों में गहरी दरारें पड़ चुकी हैं और छत की लकड़ियाँ सड़ चुकी हैं। इससे किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद प्रशासनिक उदासीनता और पंचायत की लापरवाही से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
तीन साल पहले निकाली गई राशि, आज भी अधूरा निर्माण
सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति सघन बस्ती योजना के अंतर्गत मार्च 2023 में स्कूल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु 5 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसका कोड क्रमांक 101092572 है। जानकारी के अनुसार सरपंच एवं सचिव द्वारा लगभग तीन लाख से अधिक की राशि तीन वर्ष पूर्व ही निकाल ली गई, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया।
जब ग्रामीणों एवं पंचों ने जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से शिकायत की, तब कार्यवाही के डर से आनन-फानन में निर्माण शुरू किया गया। लेकिन वह कार्य न सिर्फ घटिया स्तर का है, बल्कि आज तक अधूरा भी पड़ा हुआ है। मजबूरीवश बच्चों को फिर से उसी पुराने जर्जर भवन में बैठाया जा रहा है।
शिकायतों के बावजूद भी कार्रवाई नहीं, बढ़ा भ्रष्टाचार
ग्रामीणों का आरोप है कि जमकुंडा पंचायत लंबे समय से भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के लिए बदनाम रही है। सीसी सड़क, निस्सारी तालाब और पाइपलाइन परियोजनाओं में भी लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। अनेक शिकायतों के बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा सिर्फ औपचारिक जांच कर लीपापोती की जा रही है।
“हादसे के बाद ही जागता है प्रशासन” – ग्रामीण
ग्रामीणों और पालकों का कहना है कि प्रशासन हमेशा हादसे के बाद ही सक्रिय होता है। अगर किसी दिन विद्यालय भवन का कोई हिस्सा गिर गया या कोई छात्र हताहत हो गया, तो इसका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पंचायत के पदाधिकारी और प्रशासन होगा। ग्रामीणों ने मांग की है कि जमकुंडा प्राथमिक शाला में नए भवन का शीघ्र निर्माण कराया जाए, और दोषी सरपंच एवं सचिव पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

