सिवनी/ जिले में इंडसइंड बैंक के ग्राहकों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्राहकों का आरोप है कि बैंक बिना किसी सूचना के उनके खातों से पैसे काट रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। डेबिट और मास्टरकार्ड के नाम पर 2500 से 3000 रुपए तक की रकम काटे जाने से ग्राहकों में भारी गुस्सा है।
फर्जी टोल-फ्री नंबर और गैर-जिम्मेदार कर्मचारी
ग्राहकों का कहना है कि पैसे कटने के बाद जब वे बैंक के कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश करते हैं, तो कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं होता। बैंक के कर्मचारी ग्राहकों के फोन उठाने से कतराते हैं, जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं, बैंक का टोल-फ्री नंबर 18602677777 भी कथित तौर पर फर्जी साबित हो रहा है। ग्राहकों का आरोप है कि इस नंबर पर न तो कोई जानकारी मिलती है और न ही किसी अधिकारी से बात हो पाती है। यह स्थिति ग्राहकों की परेशानी को और बढ़ा रही है।
पीड़ित ग्राहकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस मनमानी से आक्रोशित ग्राहकों ने बैंक के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। कई ग्राहकों ने बताया कि वे जल्द ही एकजुट होकर बैंक प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों से शिकायत करेंगे। अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो वे बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
एक पीड़ित ग्राहक ने कहा, "यह धोखाधड़ी है। बैंक बिना हमारी सहमति के हमारे पैसे काट रहा है। हमें समझ नहीं आ रहा कि कहां जाएं। बैंक के कर्मचारी भी हमारी मदद नहीं कर रहे हैं।" इस मामले में अभी तक इंडसइंड बैंक की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बैंक अपने ग्राहकों के आरोपों पर क्या सफाई देता है और इस मामले को कैसे सुलझाता है।