छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय के सिवनी मार्ग स्थित बालक छात्रावास से बड़ा मामला सामने आया है। छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रहे बच्चों ने आरोप लगाया है कि अधीक्षक सुनील सोनी ने उन पर सीसी कैमरा तोड़ने का आरोप लगाकर बांस की लकड़ी से तीन बच्चों की पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, बिना अभिभावकों को सूचित किए बच्चों को छात्रावास से निकाल भी दिया गया। बच्चों का कहना है कि वे दो दिनों तक भूखे-प्यासे छिंदवाड़ा की सड़कों पर भटकते रहे।
इस घटना से छात्रावास प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। बच्चों ने सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग को लिखित शिकायत सौंपी है। बच्चों के अनुसार अधीक्षक अक्सर छात्रावास में नहीं रहते और प्रबंधन चपरासी के भरोसे चलता है। शासन के निर्देशों के अनुसार अधीक्षक को छात्रावास में ही निवास करना चाहिए, परंतु इसका पालन नहीं हो रहा।
📌 नकारात्मक पहलू
बच्चों के साथ कथित मारपीट और अमानवीय व्यवहार।
बच्चों को भूखे पेट छात्रावास से बाहर निकालना।
अधीक्षक का छात्रावास में नियमित रूप से न रहना।
पहले भी अधीक्षक पर लापरवाही के आरोप लग चुके हैं।
📌 सकारात्मक पहलू
डायल 100 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का प्रयास किया।
बच्चों ने डर के बजाय हिम्मत दिखाते हुए विभाग को लिखित शिकायत सौंपी।
अब विभागीय स्तर पर मामले की जांच शुरू होने की संभावना है, जिससे बच्चों को न्याय मिल सकता है।
छात्रावास में अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे रहते हैं। अभिभावकों की उम्मीद होती है कि यहां उन्हें सुरक्षित माहौल और बेहतर शिक्षा मिलेगी। ऐसे में बच्चों की शिकायतों को गंभीरता से लेना विभाग और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है।
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