मंथरा की कुटिलता से श्रीराम को मिला वनवास
महारानी कैकई के वरदान ने बदल दी अयोध्या की किस्मत
जुन्नारदेव -
नगर की ऐतिहासिक श्रीरामलीला मंच, विजय स्तंभ पर बीती रात को रामलीला में दशरथ कैकई संवाद, कैकेई मंथरा संवाद और श्री राम वन गमन की लीला का सफल मंचन किया गया।
बीती रात की इस लीला में जब अयोध्या में भगवान श्री राम और उनके समस्त अनुजों का विवाह के उपरांत हर्षोल्लास का वातावरण व्याप्त था, तब अचानक राजा दशरथ दर्पण मे अपनी जरावस्था को भांप लेते हैं और वह संन्यास आश्रम की ओर जाने का मानस बना लेते हैं। और फिर वह भगवान श्री राम को अयोध्या का नरेश बनाए जाने के लिए कुलगुरु वशिष्ठ से सलाह करते हैं। श्री राम के राजतिलक पर सहमति बनने के बाद मंथरा के द्वारा महारानी कैकई को पुत्र मोह का पाठ पढ़ाते हुए भड़काया जाता है। दासी मंथरा के प्रभाव से वशीभूत होकर महारानी केकई कोपभवन में जा पहुंचती है। श्री राम के राज्याभिषेक की पूर्व रात्रि को ही महारानी कैकेई के इस तरह कोप भवन में चले जाने से राजा दशरथ विचलित हो जाते हैं और उन्हें मनाने के लिए वह कोप भवन पहुंचते हैं। जहां पर महारानी कैकई के द्वारा महाराज दशरथ से दो वर मांग लिए जाते हैं जिसमें अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक और कौशल्या नंदन श्री राम का वनवास दिया जाना होता है। महाराज दशरथ के द्वारा अपनी सबसे प्रिय महारानी कैकेई को समझाने में असफल हो जाते हैं और अपने क्षत्रिय कुल की मान मर्यादा और लाज रखने के लिए वह दोनों वर देते हुए मूर्छित हो जाते हैं। इसी दरमियान महारानी केकई भगवान श्री राम को राजसी वस्त्र त्याग कर वनवासी वस्त्र प्रदान कर उन्हें वन की ओर रवाना कर देती है। इनके साथ ही देवी सीता और अनुज भ्राता लक्ष्मण भी उनके साथ वन की ओर रवाना हो जाते हैं। देर रात तक चली इस मार्मिक प्रसंग की लीला में रामलीला के पात्र अनुरूप शर्मा (श्री राम), शैलेंद्र मिंटू शर्मा (लक्ष्मण), तरुण बत्रा (राजा दशरथ), जगदीश आरासिया (महारानी केकई), संजय पाटिल (महारानी कौशल्या), हर्ष सोनी (सीता), वंश (उर्मिला), कैलाश साहू (आर्य सुमंत), मुकेश विश्वकर्मा (कुलगुरु वशिष्ठ) बेनी प्रसाद बरहेया (मंथरा), पुरवासियों में बृजेश चौरसिया, देवांश मालवीय हर्ष चौरसिया, वंश सहित अन्य कलाकारों ने संजीव एवं जीवंत अभिनय किया।
*🚩पर्दे के पीछे रहने वाले स्वयंसेवियों का भी महत्वपूर्ण योगदान.....*
किसी भी कार्य के सकल रूप से सफल होने के लिए सिर्फ मंच पर दिखने वाले कलाकार ही नहीं अपितु मंच और परदे के पीछे कार्य करने वाले सहयोगियों की अहम भूमिका होती है। इसी कड़ी में श्री रामलीला के विभिन्न पात्रों को वेशभूषा, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री सहित अन्य अहम जिम्मेदारी राजेंद्र यादव एवं अमित रसेला देख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर रामलीला के विभिन्न पात्रों को सजाने व संवारने अर्थात मेकअप का कार्य प्रवीण पंडिया के द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा मंच पर प्रकाश व्यवस्था दुर्गा प्रसाद बरहेया और साउंड व्यवस्था को नया रूप अंकित सागरे के द्वारा की जा रही है। इन सभी के सामूहिक प्रयास से ही श्री रामलीला के मंच का वास्तविक रूप निखरकर सामने आ रहा है।

