छिंदवाड़ा/अयोध्या: फर्जी पत्र प्रकरण के विवादों के बीच दिगंबर अखाड़ा परिषद ने स्पष्ट किया है कि संत समाज की मर्यादा पर कोई भी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री वैष्णव दास जी महाराज ने कहा,
"हमारे महामंडलेश्वर स्वामी अजय रामदास को यदि कोई भी छेड़े या प्रताड़ित करे, तो अखाड़ा शांत नहीं बैठेगा। संत समाज और सनातन धर्म की रक्षा के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।"
अयोध्या के संत शिरोमणि कमलनयन दास महाराज ने भी समर्थन जताते हुए कहा,
"स्वामी अजय रामदास निर्दोष हैं, उन्हें साज़िश के तहत फंसाया गया।"
स्वामी अजय रामदास को राष्ट्रीय संत का दर्जा प्रदान किया गया है। यह सम्मान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष श्री 1008 महंत नृत्य गोपालदासजी महाराज द्वारा दिया गया।
संत समाज ने साफ किया कि यह केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि पूरे सनातन धर्म और परंपरा की प्रतिष्ठा का सवाल है। उन्होंने राजनीतिक दलों और संगठनों को चेतावनी दी कि धर्म और आस्था में हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है।
छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में संत समाज की एकजुटता ने आम जनता में विश्वास और समर्थन पैदा किया है। संतों की प्रतिष्ठा को चुनौती देना कोई भी जोखिम नहीं उठा सकता।
संक्षेप में: संत समाज ने फर्जी पत्र विवाद में स्वामी अजय रामदास का खुलकर समर्थन किया, उन्हें राष्ट्रीय संत का दर्जा दिया गया, और धर्म व आस्था में किसी भी हस्तक्षेप को लेकर कड़ा संदेश दिया गया।

