बिना रॉयल्टी के रोज निकल रहे ट्रैक्टर–डंपर, प्रशासन मौन
गिट्टी क्रेशर संचालकों और विभाग के गठजोड़ से फल-फूल
रहा अवैध परिवहन कारोबार
खनिज विभाग की लापरवाही से सरकार को करोड़ों का नुकसान
छिंदवाड़ा अमरवाड़ा — क्षेत्र में खनिज विभाग की लापरवाही और नरमी के कारण गिट्टी माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। पत्थरकटी क्षेत्र में संचालित गिट्टी क्रेशरों से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर और डंपर बिना रॉयल्टी के ओवरलोड गिट्टी का परिवहन कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार से राज्य सरकार को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्थरकटी से महुआखेड़ा टोल प्लाजा, हिर्री और गाडरवाड़ा मार्गों पर दिनभर ट्रैक्टरों की आवाजाही बनी रहती है। इनमें से अधिकांश वाहनों के पास वैध रॉयल्टी या ई-टीपी परमिट नहीं होते, बावजूद इसके विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि खनिज विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी माफियाओं के साथ मिलकर इस पूरे खेल को संरक्षण दे रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिक जांच की जाती है, जबकि बड़े माफियाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ क्रेशर संचालक पुरानी रॉयल्टी पर्चियों का बार-बार उपयोग कर खनिज परिवहन को वैध दिखाने का प्रयास करते हैं। अनुमान है कि प्रतिदिन 10 से 12 ट्रैक्टर बिना रॉयल्टी के गिट्टी का परिवहन करते हैं। यदि प्रति वाहन औसत रॉयल्टी जोड़ी जाए, तो वार्षिक नुकसान करोड़ों रुपये तक पहुंच जाता है।
जुंगावानी टोल प्लाजा के आसपास भी बिना रॉयल्टी के वाहनों की आवाजाही आम बात हो गई है। यहां रोजाना ट्रैक्टर और डंपर बिना किसी रोक-टोक के निकलते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग की निगरानी व्यवस्था पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है।
नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि खनिज विभाग की कार्यप्रणाली की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों और क्रेशर संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि सरकार को हो रहे राजस्व नुकसान पर अंकुश लगाया जा सके।