भोजनालय के नाम पर चल रहे आहते, नियमों की उड़ रही धज्जियां
जुन्नारदेव।
जुन्नारदेव से लेकर परासिया की मुख्य सड़कों पर इन दिनों होटल और ढाबों की भरमार हो गई है। अधिकांश ढाबों पर भोजनालय का बोर्ड लगा होने के बावजूद यहां खुलेआम शराब परोसी जा रही है। खास बात यह है कि जिन ढाबों के पास शासकीय मदिरा दुकानें संचालित हैं, वे खाद्य सामग्री के साथ-साथ अवैध रूप से आहता भी चला रहे हैं। कई ढाबा संचालक स्वयं ग्राहकों को शराब उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि प्रशासन और आबकारी विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं।
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश शासन ने विधानसभा सत्र के दौरान यह विधेयक पारित किया था कि किसी भी दुकान या भोजनालय में मदिरा सेवन की व्यवस्था नहीं की जाएगी। शासन का उद्देश्य था कि लोग नशे की हालत में वाहन चलाने से बचें, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए। बावजूद इसके, कई ढाबा संचालक और प्रभावशाली लोग नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि कुछ आहता संचालक संबंधित अधिकारियों को महीने की “नियत रकम” देकर कार्रवाई से बचते हैं। यही कारण है कि इन भोजनालयों की आड़ में अवैध आहते फल-फूल रहे हैं।
जामई के सुकरी क्षेत्र में शासकीय मदिरा दुकान के बाजू में दो ढाबे संचालित हो रहे हैं, जहां शराब लेकर ग्राहक खुलेआम सेवन करते नजर आते हैं। वहीं गुढ़ी बस स्टैंड क्षेत्र में भी इसी तरह आहता संचालित होने की जानकारी मिली है।
ग्रामीणों का कहना है कि इन ढाबों के अलावा कई स्थानों पर दारू भट्टियां भी संचालित हो रही हैं, जिन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। सूत्रों के अनुसार, कुछ उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इन अवैध गतिविधियों पर पर्दा डाला जा रहा है।
चिंताजनक पहलू यह है कि इन ढाबों और दुकानों में नई उम्र के युवक काम कर रहे हैं, जिससे उनका भविष्य भी नशे की इस लत के बीच अंधकारमय होता जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग से मांग की है कि ऐसे अवैध आहता और दारू भट्टी संचालकों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि क्षेत्र में नशे का फैलाव रोका जा सके।

