भोपाल (मध्य प्रदेश): भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में उचित प्रतिनिधित्व न मिलने से तेली साहू राठौर समाज में गहरा रोष व्याप्त हो गया है। आज अखिल भारतीय तेली महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम अस्तोलीया के नेतृत्व में एक शक्तिशाली प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से भेंट कर अपनी तीखी नाराजगी व्यक्त की।
प्रतिनिधि मंडल ने मांग की कि प्रदेश कार्यकारिणी में तेली समाज को उसकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए, ताकि समाज की आवाज़ को सही मंच मिल सके। प्रदेश से प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से राधेश्याम अस्तोलीया (प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय तेली महासभा), दिनेश सिल्लन साहू (दतिया, राष्ट्रीय युवा कार्यकारी अध्यक्ष), मिश्री लाल राठौर (खरगौन, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष), शंभू दयाल साहू (प्रदेश सलाहकार), और राजेश आजाद (प्रदेश अध्यक्ष, व्यापारी प्रकोष्ठ) शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल के सदस्य दिनेश सिल्लन साहू ने रोष जताते हुए भाजपा को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि तेली समाज पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी को वोट देता आया है। अगर जल्द ही प्रदेश में तेली समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया, तो आगामी चुनाव में तेली समाज भी वोट देने से पहले एक बार भाजपा पर विचार अवश्य करेगा।
वरिष्ठ नेता राधेश्याम अस्तोलीया ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील राजनीतिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग का लगभग 90% वोट प्राप्त होता था, लेकिन उनके समर्थन को हल्के में लेने के कारण आज कांग्रेस की यह दयनीय स्थिति है। उन्होंने कहा कि जब SC/ST समुदाय ने कांग्रेस को छोड़कर नई पार्टी बनाई, तो कांग्रेस को उसका सीधा नुकसान हुआ।
भाजपा नेतृत्व को चेतावनी देते हुए अस्तोलीया ने स्पष्ट कहा कि अगर भाजपा ने भी तेली समाज को उसके अधिकारों से वंचित रखा या उनकी अनदेखी की, तो इसका सीधा परिणाम सरकार के पतन के रूप में सामने आएगा। उन्होंने भाजपा से आग्रह किया कि वह तेली समुदाय के हितों पर ध्यान केंद्रित करे और उनके समर्थन को मजबूत बनाए रखे, ताकि भविष्य में होने वाले चुनावी नुकसान से बचा जा सके।
प्रतिनिधि मंडल ने यह भी अनुरोध किया कि मुख्यमंत्री से बात कर तेलघानी बोर्ड को पुनः चालू करने पर गंभीरता से विचार किया जाए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगों पर गहन विचार कर समाज के हित में निर्णय लिया जाएगा और तेली समाज को प्रदेश में उचित सम्मान दिया जाएगा। हालांकि समाज का कहना है कि अब वे केवल ठोस कार्रवाई पर ही विश्वास करेंगे।

