जुन्नारदेव में महिला सशक्तिकरण शिविर का आयोजन: रोजगार और उद्यमिता पर चर्चा, बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान
जुन्नारदेव में मिशन शक्ति शिविर: महिलाओं की उद्यमिता पर जोर, बुजुर्गों का सम्मान
जुन्नारदेव में महिलाओं के लिए विशेष शिविर: उद्यमिता और स्वावलंबन पर जागरूकता
जुन्नारदेव:
मिशन शक्ति के 100 दिवसीय कार्यक्रम की श्रृंखला के अंतर्गत परियोजना जुन्नारदेव में महिलाओं को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को रोजगार, व्यवसाय और उद्यमिता में बढ़ती भागीदारी के बारे में जानकारी देना था। शिविर का आयोजन परियोजना अधिकारी सुश्री सीमा पटेल के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के दौरान महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर बिंदु माहोरे ने महिलाओं को संबोधित किया और महिला उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "महिला उद्यमी अत्यधिक प्रेरित और स्व-निर्देशित होती हैं। वे अपने व्यवसाय में नए विचार और काम के तरीकों को लेकर नवाचार करती हैं। उनके पास दीर्घकालिक संबंध बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है, जो उनके व्यवसाय को सफलता की ओर ले जाती है।"
महिला उद्यमिता: देश की आर्थिक प्रगति की कुंजी
महिला उद्यमियों में अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक संगठनात्मक, नेटवर्किंग और संचार कौशल होते हैं। इसके अलावा, उनका वित्तीय रूप से सतर्क दृष्टिकोण उनके व्यवसायों के विफल होने की संभावना को कम करता है। महिलाओं की आर्थिक भागीदारी से देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलती है और यह रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
कार्यक्रम में बताया गया कि महिला उद्यमी जब किसी क्षेत्र में सफल होती हैं, तो अगली पीढ़ी की महिलाओं को प्रेरित करती हैं। इससे समाज में महिलाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और कार्यबल में लिंग असमानता को कम करने में मदद मिलती है।
बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान और प्रेरणा
इस विशेष कार्यक्रम में बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान भी किया गया। समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को मान्यता देने के लिए यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और अपनी पहचान स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग की अधिकारी श्रीमती आरती आम्रवंशी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सभी महिलाओं को स्व-निर्देशित होकर उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रखने और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनने के लिए प्रेरित किया गया।
भारत को महिला उद्यमियों की आवश्यकता क्यों है?
भारत में महिला उद्यमिता देश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक है। शोध बताते हैं कि महिलाएं अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच अच्छा संतुलन बनाए रख सकती हैं, जो उन्हें एक सफल उद्यमी बनाता है। आज की महिलाएं शिक्षित और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं, और उन्हें अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि भारत में महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देना राष्ट्र के विकास के लिए अनिवार्य है, और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।