जुन्नरदेव से मुकेश बरखाने संवाददाता जुन्नारदेव मधुमक्खी पालन हेतु किसानो को फूल वाली फसलों की खेती हेतु किया जा रहा है प्रोत्साहित ठंड का मौसम मधुमक्खी पालन के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। इस मौसम में मधुमक्खियां अपना परिवार बढ़ाती हैं, इसलिए इस मौसम में इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती है। क्योकि इस मौसम में खेतों की फसलों में फूल खिलते है, इसी को ध्यान में रखते हुए मधुमक्खी पालन परियोजना के माध्यम से 200 मधुमक्खी पालकों को 03 प्रकार के उन्नत किस्म के फूल वाली फसलों बिज, वितरित किए गए है, जिसमें सरसों, हरी मटर और चना के बीज शामिल है! बीजों को किस तरह लगाना है कितनी दूरी पर लगाना है इसका प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है!
फूल वाली फसलों की खेती से किसानों (मधुमक्खी पालको) को प्रत्यक्ष रूप से शहद एवं मोम की प्राप्ति हो रही होगी, वही अप्रत्यक्ष रूप से मधुमक्खियों के पारागीकरण प्रक्रिया से किसानों को फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है, किसान बड़ी ही दिलचस्पी के साथ मधुमक्खी पालन का कार्य कर रहे हैं।
एच.सी.एल फाउंडेशन एवं यूटीएमटी सोसायटी (अंडर द मैंगो ट्री सोसायटी) के संयुक्त तत्वाधान में जुन्नारदेव विकासखंड के 17 गांवों में दो प्रकार की देशी मधुमक्खियों सतपुडी (सरेना) एवं कोथी(ट्रायगोना) है का पालन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उदेश्य संरक्षण, संवर्धन के साथ मध्यमवर्गीय किसानो की आजीविका उपार्जन में वृद्धि करना है !
परियोजना संचालन में संस्था की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सूजना कृष्णमूर्ति, प्रोग्राम लीडर धारा पटेल, ओमप्रकाश पाठे, रेशमलाल डहेरिया, संजीव यदुवंशी, महेश यदुवंशी, कारन जी, इतमन जी सभी ग्राम स्तर के मास्टर ट्रेनर एवं तकनीकी सहयोगियों की भूमिका से संचालित है!